पर फूलों में महकार नहीं।
जैसे गोरी के पाँव में पायल है,
पर पायल में झंकार नहीं।
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पायल थी या की हवा की सनसनाहट थी
हवा जो लहराई तो में समझा बाला की मुस्कुराहट थी
छबीली इस तरह लहराकर गुजरी करीब से मेरे,
जैसे कानो में कुछ गुनगुनाकर छिप गयी सखी मेरी,
सोचने लगा में, हवा थी या थी कल्पना मेरी
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मन सागर में जाने कब आये कब गुजरे ख्यालों के लहर,
ना पायल, ना गंद था कोई , था बस एक लम्बा सफ़र…
जैसे नर्तकी कोई खो गयी जगाकर राग मन में मेरे,
और खोजता रहा में, जैसे खो गयी सारी निधियाँ मेरी,
सोचता रहा में हवा थी या थी कल्पना मेरी
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धडकनों को ना पुछो की तुम क्यों धडकती हो
चिरागों को न पुछो तुम क्यों सुलगते हो
फूल को ना पुछो तुम क्यों महकते हो
सवाल ना करो मेरे यारो
क्यों आशिकों को परखते हो
पायल क्यों छनकती है
बुलबुल क्यों चहकती है
हवा का झोंका ना हो तो भी
चिलमन क्यों लहराती है
महसूस करो इनको मेरे यारो
क्यों लब्ज पे अटकते हो
हीना कब रंग लती है
कली कब फूल बन जाती है
शायरी कब बन जाती है
जवाब ना मांगो मेरे यारो
मोहब्बत सब सिखाती है
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यूँ अगर होता के तुम पास होते
तो हम सितारों से ना बाते करते
अगर जिन्दगी में तुम्हारी आँखों के साए रहते
तो हम तपती धुप में यूँ जल ना जाते
अगर हमारे आंसू पोछने तुम्हारे हात ना आते
अश्क हमारे सागर बन जाते
इस पागल दिल को ये सवाल ना रहते
अगर जवाब हमारा तुम बन जाते
अगर गज़ल ही हमारी तुम बन जाते
शायरी के लिए ये खून के कतरे यूँ जाया ना जाते
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तुम इस मोड़ पे मुझसे मिले की जहाँ आगे रास्ता नहीं था
हाथ बढाया था तुने मगर तब मेरा साथ ही नहीं था
तड़पता रहा मई पानी के बिना मगर वहां कोई नहीं था
तुमने सागर बहाया मगर मेरी साँसों में तब दम ही नहीं था
लौट रही थी मन की मौजे मन के समुंदर में जब साहिल ही नहीं था
अब साहिल इन्तजार करता है रात दिन जब दरया में पानी ही नहीं था
मेरी ख़राशे घाव बन गए तब दवा लगाने कोई नहीं था
तुम मरहम लेके आ गए जब घाव क्या मै ही नहीं था
अब न बहाओ आसुंओ को मै आज नहीं कल था
पर सुनना लोगों से कभी किस्सों में ... तुम्हारा भी आशिक हुआ करता था
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तेरी पायल की रुनझुन
दिल में हलचल कराती है
दिल में मीठे सुर सज़ाती है
दिल से गीत सुनाती है
दिल को महफ़िल बनाती है
तेरी पायल की ये रुनझुन |
दिल में तेरी याद लाती है
दिल से तुझे बुलाती है
दिल के मिलन को तरसाती है
दिल से तुझे अपना मीत बनाती है
तेरी पायल की ये रुनझुन |
दिल में दीप जलाती है
दिल की राहे रौशन कराती है
दिल को अपनी लौ से पिघलाती है
दिल में प्रीत जगमगाती है
तेरी पायल की ये रुनझुन |
पास हो तुम सदा मेरे , ये एहसास कराती है
तेरी पायल की ये रुनझुन,कई हसरते जगाती है |
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कैसे बताऊँ मैं तुम्हे की तुम मेरे लिए कौन हो,
तुम धडकनों का गीत हो, तुम जीवन की संगीत हो
तू जिंदगी, तू बंदगी, तू रौशनी तू ताजगी
तू हर खुसी,
तू प्यार है, तू प्रीत है, मनमीत है
तू सुबह में, तू शाम में, तू सोच में तू काम में,
मेरे लिए हसना भी तुम, मेरे लिए रोना भी तुम,
मेरे लिए जगाना भी तुम, मेरे लिए सोना भी तुम,
और पाना खोना भी तुम
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे की तुम मेरे लिए कौन हो
चन्दन सा तरसा है ये बदन, जिससे बहती है एक अगन
ये शोखियाँ ये मस्तियाँ तुम्हे हवाओं से मिली,
जुल्फें घटाओं से मिली,
आँखों को चिले मिल गए, होंठों पे कालियां खिल गयी
ये हांथो की गोलाईयन, ये आँचल की परछाइयां
जैसे हज़ारों तितलियाँ
ये नगरियाँ है ख्वाब की
कैसे बताऊँ मैं तुझे हालत दिले बेताब की
कैसे बताऊँ ...................
कैसे बताऊँ मैं तुझे
कैसे बताऊँ की तुम मेरे लिए धर्मं हो
इबादत हो मेरी, तुम ही तो चाहत हो मेरी
मैं ताकता जिसे हर पल हूँ तुम ही तो वो तस्वीर हो
तुम ही तो मेरी तकदीर हो
तू पूरब में, तू पश्चिम में, तू उत्तर में, तू दक्षिण में
मेरे लिए तो रास्ता भी तुम, मेरे लिए मंजिल भी तुम,
मेरे लिए सागर भी तुम, मेरे लिए साहिल भी तुम
तुम्ही तो मेरी पहचान हो
देवी हो मेरे लिए, मेरे लिए भगवान् हो
पूजा हो तुम मेरे लिए, मेरे लिए अजान हो
गीता हो तुम मेरे लिए, मेरे लिए कुरआन हो
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे.......
कैसे बताऊँ.....
कैसे बताऊँ की....
की तुम बिन मैं कुछ भी नहीं।
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उनकी हर आहट में पायल की छम छम
उनकी हर बातो में ये संगीत की सरगम .
ऐ सनम अब तो एक ही आरजू है मेरी ,
की तू हमें मिलते रहना हरपाल हरदम .
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नज़रों के खुमार का मज़ा हम से पूछिए
पायल की झंकार का मज़ा हम से पूछिए
झारोंकों से दीदार का मज़ा हम से पूछिए
छिप छिप के प्यार का मज़ा हम से पूछिए
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आपने किसी से प्यार किया हो और उनका इंतजार न किया ऐसा हो ही नहीं सकता। दरअसल प्यार और इंतजार एक-दूसरे से उसी तरह जुडें हैं, जिस तरह फूल और खुशबू।
कभी-कभी इंतजार करना बहुत दुश्वार हो जाता है। जैसे आप आँखें बिछाए उनका इंतजार कर रहे हैं और उनका फोन आता है कि अभी उन्हें आने में कुछ वक्त और लगेगा तो आपके लिए ये लम्हा बहुत ही फ्रस्टेट कर देने वाला होता है। ऐसे में आप गुस्सा होने के बजाए अगर उस वक्त का सही उपयोग करें तो आप अपनी लाइफ में रोमांस बढ़ा सकते हैं। यहाँ हम आपको बता रहे हैं कि उनका इंतजार कैसे किया जाए और इंतजार के हर लम्हें को खुशगवार कैसे बनाया जाए।
इंतजार का अपना ही एक मजा है, लेकिन कुछ लोग जरूर इसे बोर मानते हैं और अपने साथी से शिकायत करते हैं कि उन्हें इंतजार न करवाएँ। लेकिन जनाब जरा सोचिए कि आपके इंतजार करने के बाद जब वो आपसे मिलने आते हैं तो बेकरारी और मिलन का मजा भी तो दोगुना हो जाता है। जितना लंबा इंतजार उतना ज्यादा मिलन का सुखद एहसास, सौदा बुरा नहीं है। इंतजार करने के एवज में आप उन्हें प्यारी सी सजा भी दे सकते हैं।
अब रहा सवाल कि उनके इंतजार में वक्त कैसे गुजारा जाए, तो साथियों इसका सबसे अच्छा तरीका है कि जब तक वो न आएँ तब तक आप सोच सकते हैं कि होने वाली मुलाकात को कैसे यादगार बनाएँ और उनके आने पर आप सबसे पहले क्या करेंगे। साथ ही आप इंतजार की कीमत भी सोच सकते हैं, जो उनके आने पर वसूली जा सकती है। इसके अलावा आप इंतजार पर कुछ शेर पढ़ सकते हैं, जो कभी-कभी इम्प्रेशन मारने में तो काम आ सकते हैं। इसी बहाने आपको कुछ शेर-शायरी का भी अभ्यास हो जाएगा जो प्यार में बहुत एहमियत रखती है। अगर आप थोड़े क्रिएटिव हैं तो उनकी तारीफ में कोई गजल या कविता लिख सकते हैं, जो उनके लिए एक अनमोल तोहफा होगा।
जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो उनके साथ ख्यालों की दुनिया तो जरूर सजाते होंगे। यानी उनका इंतजार करते हुए आप अपनी कल्पनाओं को साकार करने के बारे में सोच सकते हैं, जिसे आपके वो सुनकर निश्चित ही रोमांचित होंगे और आपको मिल सकेगा रोमांटिक होने का एक और बहाना।
तो जनाब इंतजार के फायदे भी हैं, लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं कि आप उन्हें इतना इंतजार करवाएँ जिससे वे नाराज ही हो जाएँ। उनकी नाराजगी का ख्याल रखते हुए इंतजार के इन महत्वपूर्ण टिप्स पर अमल कीजिए तो आप को लगेगा की आपकी रोमांटिक लाइफ उनके इंतजार में और भी रोमांटिक हो गई है।
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साज़ हो तुम आवाज़ हूँ मैं, तुम बीना हो मैं हूँ तार
रोक सको तो रोक लो अपनी, पायल की झंकार
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तेरी आंखो की शरारतो को
किस तरह ब्यान करुं
तेरी होठो की मुस्कुराहटो को
कैसे बांधू मै शब्दो मे
तेरी जुल्फ़ें क्या कहती है उड-उड
किस तरह बताऊं मै
तेरी पायल की झंकार
किस तरह गुनगुनाऊ मै
तेरी चुडियां क्या करती है बातें
किस तरह समझाऊं मै
तेरी मुहब्बत को किस तरह
शब्दो मे दिखाऊं मै
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गीत उसके फिजाओं में हैं आज तक
है महक ज़र्रे ज़र्रे में उसकी बसी
उसकी पायल की झंकार जब से सुनी
हम वो झंकार अब तक भुला न सके
हमने देखा उन्हें चांदनी रात में
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वो पायल की झंकार और उसकी चूड़ियों का खनखनाना,
चाल में मस्ती और उसका आँचल को लहराना,
सुनकर मेरी बातों को उसका हौले से मुस्कुराना,
मेरी हंसी मैं ढूँढना खुशी और मेरी उदासी मैं उदास हो जाना,
जो लगे चोट मुझे तोः रो-रो के उसका बेहाल हो जाना,
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फूल उम्मीदों के खिल ही जायेंगे,
हम एक रोज मिल ही जायेगे.
कौन रोकेगा सागर की मौजों को,
तूफ़ान उठेगे तो किनारे हिल ही जायेगे.
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पायल से पायल की झंकार सुन्दर है,
प्यार से प्यार का अनुभव सुन्दर है.
लोग कहते है आप सुन्दर है,
लेकिन आपसे ज्यादा आपका स्वाभाव सुन्दर है..!
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आज मानो, डाल चुकी पतझड़ डेरा इस दिल पर पूरी तरह,
क्योंकि बसंत बनकर दिल का फ़ूल खिलाने वाली तुं ही थी,
आज अक्सर हर झंकार में ढूंढता हूँ अब तुझे मैं,
क्योंकि हर सुबह पायल की झंकार सुनाने वाली तुं ही थी,
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उम्मीदों की किरने लाये
ज्यों झिलमिल हों चाँद-सितारे
पायल की झंकारों में है
गीत और संगीत हमारे
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दिवानगी तेरी ने मुझे शायर बना दिया...
मुझको नहीं मालूम की होता हैं प्यार क्या,
दिल में खनक उठी और तुझे पायल बना दिया.
और पायल की झंकार हो
आँख खुले जब सुबह सुबह
तो बस उनका ही दीदार हो.
तुम्हारी खनक भी अब बिल्कुल ना सुहाये