1. हमारे वचन चाहे कितने भी श्रेष्ठ क्यों न हो, परन्तु दुनिया हमे हमारे कर्मो के द्वारा पहचानती है.
2. यदि आप मरने का डर है तो इसका यही अर्थ है की आप जीवन के महत्व को ही नहीं समझते.
3. अधिक सांसारिक ज्ञान अर्जित करने से अंहकार आ सकता है, परन्तु आध्यात्मिक ज्ञान जितना अधिक अर्जित करते है उतनी ही नम्रता आती है.
4 वही सबसे तेज चलता है, जो अकेला चलता है।
5. प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असम्भव नजर आता है।
6. ऊद्यम ही सफलता की कुंजी है।
7. एकाग्रता से ही विजय मिलती है।
8. कीर्ति वीरोचित कार्यो की सुगन्ध है।
9. भाग्य साहसी का साथ देता है।
10. सफलता अत्यधिक परिश्रम चाहती है।
11. विवेक बहादुरी का उत्तम अंश है।
12. कार्य उद्यम से सिद्ध होते है, मनोरथो से नही।
13. संकल्प ही मनुष्य का बल है।
14. प्रचंड वायु मे भी पहाड विचलित नही होते।
15. कर्म करने मे ही अधिकार है, फल मे नही।
16. मेहनत, हिम्मत और लगन से कल्पना साकार होती है।
17. अपने शक्तियो पर भरोसा करने वाला कभी असफल नही होता।
18. मुस्कान प्रेम की भाषा है।
19. सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता और भी दुर्लभ है।
20. अहंकार छोडे बिना सच्चा प्रेम नही किया जा सकता।
21. प्रसन्नता स्वास्थ्य देती है, विषाद रोग देते है।
22. प्रसन्न करने का उपाय है, स्वयं प्रसन्न रहना।
23. अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नही होता।
24. एक गुण समस्त दोषो को ढक लेता है।
25. दूसरो से प्रेम करना अपने आप से प्रेम करना है।
26. समय महान चिकित्सक है।
27. समय किसी की प्रतीक्षा नही करता।
27. हर दिन वर्ष का सर्वोत्तम दिन है।
28. एक झूठ छिपाने के लिये दस झूठ बोलने पडते है।
29. प्रकृति के सब काम धीरे-धीरे होते है।
30. बिना गुरु के ज्ञान नही होता।
31. आपकी बुद्धि ही आपका गुरु है।
32. जिग्यासा के बिना ज्ञान नही होता।
33. बिना अनुभव के कोरा शाब्दिक ज्ञान अंधा है।
34 अल्प ज्ञान खतरनाक होता है।
35. कर्म सरल है, विचार कठिन।
36. उपदेश देना सरल है, उपाय बताना कठिन।
37. धन अपना पराया नही देखता।
38. जैसा अन्न, वैसा मन।
39. अहिंसा सर्वोत्तम धर्म है।
40. बहुमत की आवाज न्याय का द्योतक नही है।
41. अन्याय मे सहयोग देना, अन्याय के ही समान है।
42. विश्वास से आश्चर्य-जनक प्रोत्साहन मिलता है।
43.प्रेम की परिपक्वता को पाने के लिए वियोग का होना नितांत आवश्यक हैं .जब तक वियोग नहीं होता तब तक प्रेम का आनंद नहीं आता है,
अज्ञान जैसा शत्रु दूसरा नहीं - चाणक्य
अपने शत्रु से प्रेम करो, जो तुम्हे सताए उसके लिए प्रार्थना करो - ईसा
अज्ञानी होना मनुष्य का असाधारण अधिकार नहीं है बल्कि स्वयं को अज्ञानी जानना ही उसका विशेषाधिकार है - राधाकृष्णन
अशिक्षित रहने से पैदा ना होना अच्छा है क्योंकि अज्ञान ही सब विपत्ति का मूल है
अज्ञानी के लिए ख़ामोशी से बढकर कोई चीज़ नहीं और यदि उसमे यह समझाने की बुद्धि हो तो वह अज्ञानी नहीं रहेगा - शेख सादी
अतिथि
अतिथि जिसका अन्न खता है उसके पाप धुल जाते हैं - अथर्ववेद
यदि किसी को भी भूख प्यास नहीं लगती तो अतिथि सत्कार का अवसर कैसे मिलता - विनोबा
आवत ही हर्षे नहीं, नयनन नहीं सनेह,
तुलसी वहां ना जाइये, कंचन बरसे मेह
- तुलसीदास
अत्याचार
अत्याचारी से बढ़कर अभागा कोई दूसरा नहीं क्योंकि विपत्ति के समय उसका कोई मित्र नहीं होता - शेख सादी
गुलामों की अपेक्षा उनपर अत्याचार करनेवाले की हालत ज्यादा ख़राब होती है - महात्मा गाँधी
अत्याचार करने वाला उतना ही दोषी होता है जितना उसे सहन करने वाला - तिलक
अधिकार
ईश्वर द्वारा निर्मित जल और वायु की तरह सभी चीजों पर सबका सामान अधिकार होना चाहिए - महात्मा गाँधी
अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नहीं होता - टैगोर
संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा और त्याग से प्राप्त होता है - प्रेमचंद
अध्ययन
सत्ग्रंथ इस लोक की चिंतामणि नहीं उनके अध्ययन से साडी कुचिंताएं मिट जाती हैं. संशय पिशाच भाग जाते हैं और मन में सद्भाव जागृत होकर परम शांति प्राप्त होती है
हम जितना अध्ययन करते हैं उतना हमे अज्ञान का आभास होता है
अनुभव
बिना अनुभव कोरा शाब्दिक ज्ञान अँधा है
दूसरों के अनुभव से जान लेना भी मनुष्य के लिए एक अनुभव है
यदि कोई केवल अनुभव से ही बुद्धिमान हो जाता तो लन्दन के अजायबघर में रखे इतने समय के बाद संसार के बड़े से बड़े बुद्धिमान से अधिक बुद्धिमान होते - बर्नार्ड
अन्याय
अन्याय सहने से अन्याय करना अच्छा है कोई भी इस सिधांत को स्वीकार नहीं करेगा - अरस्तु
अन्याय सहने वाला भी उतना ही अपराधी होता है जितना करने वाला क्योंकि अगर अन्याय न सहा जाये तो कोई भी अन्याय करने का साहस नहीं करेगा - टैगोर
अन्याय को मिटाओ लेकिन अपने आप को मिटाकर नहीं - प्रेमचंद
अपमान
धुल स्वयं अपमान सह लेती है और बदले में फूलों कर उपहार देती है - टैगोर
अपमान का दर कानून के दर से किसी तरह कम क्रियाशील नहीं होता - प्रेमचंद
अपमान पूर्ण जीवन से मृत्यु अच्छी है - कहावत
अपराध
दूसरों के प्रति किये गए छोटे अपराध अपने प्रति किये गए बड़े अपराध हैं जिनका फक हमें भुगतना ही होता है - अज्ञात
अपराध मनुष्य के मुख पर लिखा होता है - महात्मा गाँधी
अपराधी मन संदेह का अड्डा है - शेक्सपीयर
अभिमान
जरा रूप को, आशा धैर्य को, मृत्यु प्राण को, क्रोध श्री को, काम लज्जा को हरता है पर अभिमान सब को हरता है - विदुर नीति
अभिमान नरक का मूल है - महाभारत
कोयल दिव्या आमरस पीकर भी अभिमान नहीं करती, लेकिन मेढक कीचर का पानी पीकर भी टर्राने लगता है - प्रसंग रत्नावली
कबीरा जरब न कीजिये कबुहूँ न हासिये कोए अबहूँ नाव समुद्र में का जाने का होए - कबीर
समस्त महान गलतियों की तह में अभिमान ही होता है - रस्किन
किसी भी हालत में अपनी शक्ति पर अभिमान मत कर, यह बहुरुपिया आसमान हर घडी हजारों रंग बदलता है - हाफ़िज़ जिसे होश है वह कभी घमंड नहीं करता - शेख सादी
अभिलाषा
हमारी अभिलाष जीवन रूपी भाप को इन्द्रधनुष के रंग देती है - टैगोर
अभिलाषा सब दुखों का मूल है - बुद्ध
अभिलाषाओं से ऊपर उठ जाओ वे पूरी हो जायंगी, मांगोगे तो उनकी पूर्ति तुमसे और दूर जा पड़ेंगी - रामतीर्थ
कोई अभिलाष यहाँ अपूर्ण नहीं रहती - खलील जिज्ञान
अभिलाषा ही घोडा बन सकती तो प्रत्येक मनुष्य घुड़सवार हो जाता - शेक्सपीयर
अवसर
अवसर तुम्हारा दरवाज़ा एक ही बार खटखटाता है - कहावत
मनुष्य के लिए जीवन में सफलता का रहष्य आने वाले अवसर के लिए तैयार रहना है - डिजरायली
अवसर पर दुश्मन को न लगाया हुआ थप्पड़ अपने मुह पर लगता है - फारसी कहावत
अहिंसा
उस जीवन को नष्ट करने का हमे कोई अधिकार नहीं जिसके बनाने की शक्ति हममे न हो - महात्मा गाँधी
अपने शत्रु से प्रेम करो, जो तुम्हे सताए उसके लिए प्रार्थना करो - ईसा
जब को व्यक्ति अहिंसा की कसौटी पर पूरा उतर जाता है तो अन्य व्यक्ति स्वयं ही उसके पास आकर बैर भाव भूल जाता है - पतंजलि
हिंसा के मुकाबले में लाचारी का भाव आना अहिंसा नहीं कायरता है. अहिंसा को कायरता के साथ नहीं मिलाना चाहिए - महात्मा गाँधी
आंसू
स्त्री! तुने अपने अथाह आंसुओं से संसार के ह्रदय को ऐसे घेर रखा है जैसे समुद्र पृथ्वी को घेरे हुए है - टैगोर
नारी के आंसू अपने एक एक बूँद में एक एक बाढ़ लिए होते हैं - जयशंकर प्रसाद
मेरी एक प्रबल कामना है की मैं कम से कम एक आँख का आंसू पोछ दूं - महात्मा गाँधी
सात सागरों में जल की अपेक्छा मानव के नेत्रों से कहीं अधिक आंसू बह चुके हैं - बुद्ध
आचरण
जैसा देश तैसा भेष - कहावत
माता, पिता, गुरु, स्वामी, भ्राता, पुत्र और मित्र का कभी क्षण भर के लिए विरोध या अपकार नहीं करना चाहिए - शुक्रनीति
मनुष्य जिस समय पशु तुल्य आचरण करता है, उस समय वह पशुओं से भी नीचे गिर जाता है - टैगोर
शास्त्र पढ़कर भी लोग मूर्ख होते हैं किन्तु जो उसके अनुसार आचरण करता है वोही वस्तुतः विद्वान है - अज्ञात
रोगियों के लिए भली भांति सोचकर निश्चित की गयी औषधि नाम उच्चारण करने मात्र से किसी को निरोगी नहीं कर सकती - हितोपदेश
आत्म विश्वास
आत्मविश्वास सफलता का मुख्य रहष्य है - एमर्सन
यह आत्मविश्वास रखो को तुम पृथ्वी के सबसे आवश्यक मनुष्य हो - गोर्की
जिसमे आत्मविश्वास नहीं उसमे अन्य चीजों के प्रति विश्वास कैसे उत्पन्न हो सकता ही - विवेकानंद
आत्मविश्वास, आत्मज्ञान और आत्मसंयम केवल यही तीन जीवन को परम शांति सम्पन्न बना देते हैं - टेनीसन
आत्मा
आत्मा को न शाश्त्र काट सकता है, न आग जला सकती है, न जल भिगो सकता है और न हवा सुखा सकती है - भगवत गीता
क्या तुम नहीं जानते ही तुम ही ईश्वर का मंदिर हो और ईश्वर की आत्मा तुममे रहती है - इंजील
अगर मेरे पास दो रोटियां हो तो मैं एक के फूल खरीदूंगा ताकि रूह को गिज़ा मिल सके - हजरत मोहम्मद
सबकी आत्मा एक जैसी है, सबकी आत्मा की शक्ति एक सामान है | कुछ की शक्ति प्रकट हो गयी है और दूसरों की प्रकट होनी बाकी है - महात्मा गाँधी
आत्मा ही अपना स्वर्ग और नरक है - उमर खैयाम
आत्मा एक चेतन का तत्त्व है, जो अपने रहने के लिए उपयुक्त शक्ति का आश्रय लेता है और एक शरीर से दुसरे शरीर में जाता है | भौतिक शरीर इस आत्मा को धारण करने के लिए विवश होता है - गेटे
अहम् की मृत्यु द्वारा आत्मा का वर्जन करते करते अपने रुपातित स्वरुप को आत्मा प्रकाशित करता है - टैगोर
आनंद
आनंद वह ख़ुशी है जिसके भोगने पर पछताना नहीं पड़ता - सुकरात
केवल आत्मज्ञान ही आत्मा हृदय को सच्चा आनंद प्रदान करता है - रामतीर्थ
क्षणभर भी काम के बिना रहना ईश्वर की चोरी समझो, मैं दूसरा कोई रास्ता भीतरी या भाहरी आनंद का नहीं जनता - महात्मा गाँधी
हम स्वयं आनंद की अनुभूति लेने के बजाये दूसरों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं की हम आनंद में हैं - कन्फ्युशियाश
जो वस्तु आनंद प्रदान नहीं कर सकती वह सुन्दर हो ही नहीं सकती - प्रेमचंद
आयु में आनंद है, समग्र शरीर के मंगल में, स्वाश्थ्य में आनंद है | इसी आनंद का भाग करने पर दो वस्तुएं प्राप्त होती हैं एक ज्ञान एंड दूसरा प्रेम - टैगोर
आपत्ति
ईश्वर आपत्तियों का भला करे क्योंकि इन्ही से मित्र और शत्रु की पहचान होती है - अज्ञात
मनुष्य को आपत्ति का सामना करने सहायता देने के लिए मुस्कान से बड़ी कोई चीज़ नहीं है - तिरुवल्लुवर
आपत्ति 'मनुष्य' बनाती है और संपत्ति 'राक्षस' - विक्टर ह्यूगो
धीरज, धर्म, मित्र अरु नारी
आपति काल परखिये चारी
- तुलसीदास
आपत्ति काल में हमारी अजीब अजीब लोगों से पहचान हो जाती है जो अन्यथा संभव नहीं - शेक्सपीयर
रंज से खूगर (अभ्यस्त ) हुआ इन्सान तो मिट जाता है रंज !
आशा
आशा एक नदी है, उसमे इच्छा रूपी जल है,
तृष्णा उस नदी की तरंगे हैं, आसक्ति उसके मगर हैं
तर्क वितर्क उसकी पक्षी हैं, मोह रूपी भवरों के कारन वह सुकुमार तथा गहरी है
चिंता ही उसके ऊंचे नीचे किनारे हैं जो धैर्य के वृक्षों को नष्ट करते हैं
जो शुध्चित्त उसके पास चले जाते हैं वो बड़ा आनंद पते हैं
- कहावत
आशा अमर है उसकी आराधना कभी निष्फल नहीं होती - महात्मा गाँधी
आशा प्रयत्नशील मनुष्य का साथ कभी नहीं छोडती - गेटे
जितनी अधिक आशा रखोगे उतनी अधिक निराशा होगी - कहावत
स्मृति पीछे दृष्टि डालती है और आशा आगे - रामचंद्र टंडन
मेरी मानो अपनी नाक से आगे ना देखा करो | तुम्हे हमेशा मालूम होता रहेगा उसके आगे भी कुछ है और यह ज्ञान तुम्हे आशा और आनंद से मस्त रखेगा - बर्नार्ड शा
तीन बातें कभी न भूलें
१) प्रतिज्ञा करके
२) क़र्ज़ लेकर
३) विश्वास देकर
- महावीर
तीन बातें करो
१) उत्तम के साथ संगीत
२) विद्वान् के साथ वार्तालाप
३) सहृदय के साथ मैत्री
- विनोबा
तीन अनमोल वचन
१) धन गया तो कुछ नहीं गया
२) स्वास्थ्य गया तो कुछ गया
३) चरित्र गया तो सब गया
- अंग्रेजी कहावत
तीन से घृणा न करो
१) रोगी से
२) दुखी से
३) निम्न जाती से
- मुहम्मद साहब
तीन के आंसू पवित्र होते हैं
१) प्रेम के
२) करुना के
३) सहानुभूति के
- बुद्ध
तीन बातें सुखी जीवन के लिए
१) अतीत की चिंता मत करो
२) भविष्य का विश्वास न करो
३) वर्तमान को व्यर्थ मत जाने दो
औरत के बाल आमतौर पर लम्बे होते हैं पर उसकी जुबान और भी ज्यादा लम्बी होती है
- शेक्सपियर
जब लड़की शरमाना बंद कर देती है तो वह अपनी सुन्दरता का सबसे शक्तिशाली आकर्षण खो देती है
- ग्रेगरी
निद्रा रोगी की माता, भोगी की प्रियतमा और आलसी की बेटी है
नियम
नियम यदि एक क्षण के लिए टूट जाये तो सारा सूर्यमंडल अस्त-व्यस्त हो जाए
- महात्मा गाँधी
जो अपने लिए नियम नहीं बनाता उसे दूसरों के नियमों पर चलना पड़ता है
- हरिभाऊ उपाध्याय
प्रकृति का यह साधारण नियम है जो कभी नहीं बदलेगा ही योग्य अयोग्यों पर शासन करते रहेंगे
- दायोनीसियस
निश्चय
अनुभव बताता है की आवश्यकता कल में द्रिड निश्हय पूरी सहायता करता है
- शेक्सपियर
जिसका निश्चय द्रिड और अटल है बह दुनिया को अपनी सोच में ढाल सकता है
- गेटे
हम अपने अच्छे से अच्छे कर्मो पर भी लज्जित हो सकते हैं यदि लोग केवल उस निश्चय को देख सकें जिसकी प्रेरणा से वो किये गए
हैं - रोची
सच्ची से सच्ची और अच्छी से अच्छी चतुराई निश्चय है
- नेपोलियन
जो व्यक्ति निश्चय कर सकता है उसके लिए कुछ असंभव नहीं है
- एमर्सन
नीचता
स्वाभाव की नीचता बर्षों में भी मालूम नहीं होती
- शेख सादी
कुछ कही नीच न छेडिये, भलो न वाको संग
पाथर दारे कीच में, उछारे बिगारे अंग
- वृन्द
नीच मनुष्य के साथ मैत्री और प्रेम कुछ भी नहीं करना चाहिए | कोयला अगर जल रहा है तो छूने से जला देता है और अगर ठंडा है तो हाथ काले कर देता है
- हितोपदेश
दाग जो काला नील का, सौ मन साबुन धोय
कोटि जतन पर बोधिये, कागा हंस न होय
- कबीर
जो उपकार करनेवाले को नीच मनाता है उससे अधिक नीच कोई दूसरा नहीं
- विनोबा
शक्तियों का एक नियम है जिसके कारण चीजें समुद्र में एक खास गहराई से नीचे नहीं जा सकती लेकिन नीचता के समुद्र में हम जितने जहरे जाये डूबना उतना ही आसान होता है
- लाबैल
नीच को देखने और उसकी बातें सुनाने से ही हमारी नीचता का आरम्भ होता है
- कन्फ्युसियास
नेकी
नेकी कर दरिया में डाल - कहावत
मधुमख्खियाँ केवल अँधेरे में काम करती है| विचार केवल मौन में काम आते हैं | नेक कार्य भी गुप्त रहकर ही कारगर होते हैं
- कार्लाइल
नेकी का इरादा बदी की ख्वाहिश को दबा देता है
- हज़रत अली
जितने दिन जिन्दा हो, उसे गनीमत समझो और इससे पहले की लोग तुम्हे मुर्दा कहें नेकी कर जाओ
- शेख सादी
न्याय
न्याय का मोती दया के ह्रदय में मिलता है
- जर्मन कहावत
मनुष्य का कर्त्तव्य है की वह उदास बनने से पूर्व त्यागी बने
- डिकेंस
जब से मुझे पता चला है की मखमल के गद्दे पर सोनेवालों के सपने जमीन पर सोनेवालों के सपने से मधुर नहीं होते, तब से मुझे न्यायप्रभु के न्याय में श्रद्धा हो गयी है
- खलील जिब्रान
न्याय की बात कहने के लिए हर समय ठीक है
- सोफोक्लिज़
न्याय में देर करना न्याय को अस्वीकार करना है |
ईश्वर की चक्की धीरे चलती है पर बारीक पीसती है